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गुरुवार, 26 फ़रवरी 2015

नेता जी (त्रिभंगी छंद)

त्रिभंगी छंद
हे भोले बकुले , श्यामल नकुले, अभिनय तेरा चोखा  है|
यूँ बैठा उखडू ,जैसे कुकडू ,कर को  जोड़े  ,धोखा है||
तेरे हथकंडे ,मत के फंडे, जाने सब ये, नारी है|
हे उजले तन के, गिरगिट मन के, जनता तुझपे, भारी है||


भांडे धुलवाओ,कुछ करवाओ, वोट मुझी को ,देना जी|
 सड़कें जापानी, बिजली पानी,वादा हमसे,लेना जी||
 हे सीता माता ,लक्ष्मण भ्राता, मैं सेवक हूँ ,बस तेरा|  
 मूँछे मुडवाऊँ, विष पी जाऊँ, जो वादे से,मुँह फेरा|| 

हाथों को जोड़े ,छल को ओढ़े, जन मत मांगे, नेता जी|
झूठी यादों का, बस वादों का ,पांसा फेंके, नेता जी||
वोटों की खातिर,नस नस शातिर, आये चलके, नेता जी|
दिल की मक्कारी, नीयत सारी,मुख पे झलके,नेता जी||
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6 टिप्‍पणियां:

  1. सार्थक प्रस्तुति।
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (28-02-2015) को "फाग वेदना..." (चर्चा अंक-1903) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  2. एक दिन हाथ जोड़ लो बस फिर ऐश करों ....यही राजनीति हैं...बढ़िया व्यंग

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  3. आज के समय में बहुत सारी बीमारियां फैल रही हैं। हम कितना भी साफ-सफाई क्यों न अपना लें फिर भी किसी न किसी प्रकार से बीमार हो ही जाते हैं। ऐसी बीमारियों को ठीक करने के लिए हमें उचित स्वास्थ्य ज्ञान होना जरूरी है। इसके लिए मैं आज आपको ऐसी Website के बारे में बताने जा रहा हूं जहां पर आप सभी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं।
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  4. बहुत अच्छी जानकारी है ये भी पड़े
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