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सोमवार, 25 फ़रवरी 2013

(ग़ज़ल) ,कमी तो रहेगी

जहाँ तू नहीं फिर कमी तो रहेगी
उदासी   ज़हन  में जमी तो रहेगी

हटेगी नहीं जब ये कुहरे की चादर
वहाँ बस्तियों में नमी तो रहेगी

नहीं जब तलक कोई साहिल मिलेगा
मुहब्बत की कश्ती थमी तो रहेगी

करे तू जो शिरकत जरा इस चमन में
हवा ये सुगन्धित रमी तो रहेगी

मिले ना मिले 'राज' तुझको ये दौलत
फ़कत ख़्वाब में हमदमी तो रहेगी

भले ही न हो आज तेरा नसीबा
कहीं ना कहीं सरग़मी  तो रहेगी

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16 टिप्‍पणियां:

  1. नहीं जब तलक कोई साहिल मिलेगा
    मुहब्बत की कश्ती थमी तो रहेगी

    बहुत खूबसूरत गज़ल

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  2. behatareen ahshaso se laberej gazal मिले ना मिले 'राज' तुझको ये दौलत
    फ़कत ख़्वाब में हमदमी तो रहेगी

    भले ही न हो आज तेरा नसीबा
    कहीं ना कहीं सरग़मी तो रहेगी

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत ही सुन्दर ग़ज़ल,धन्यबाद.

    जवाब देंहटाएं
  4. हर अशआर खूबसूरत है हमारी सीमा है हमें "सरगमी "लफ्ज़ के मानी नहीं मालूम .कृपया बतलाएं .सरज़मी प्रयोग हमने पढ़ा है -

    ये मंदिरों का देश है यह मस्जिदों की सरज़मी ,

    मेरा वतन मेरा वतन मेरे वतन में क्या कमी .

    कभी कभार सरगर्मी बढना किसी गतिविधि के इससे भी बावस्ता रहें हैं लेकिन सरगमी शब्द प्रयोग पहली मर्तबा पढ़ा है .कृपया बतलाएं हमें यहाँ इसके मानी .आभार .

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    उत्तर
    1. जी आपकी इस्सलाह मान्य है अगली बार से ध्यान रखूंगी शब्दों के अर्थ नीचे लिखा करूँगी यहाँ सरगमी शब्द का अर्थ सरगम से जुड़ा है जिसका अर्थ संगीत मय लहर से है इस शेर का भावार्थ यही है कि भले ही तेरा नसीब में नही है पर वादियों में प्रेम कि ये वेव अर्थात लहर तो रहेगी आशा है मैं स्पष्ट कर पाई हूँ

      हटाएं
  5. चर्चा मंच में हमें बिठाने के लिए आपका तहे दिल से शुक्रिया .कृपया आइन्दा गजल में प्रयुक्त मुश्किल अल्फाजों के मानी दिया करें .गजल का वजन बढ़ जाता है .लुत्फ़ भी .

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  6. हटेगी नहीं जब ये कुहरे की चादर
    वहाँ बस्तियों में नमी तो रहेगी

    बहुत सही कहा आपने ...बहुत बढ़िया ग़ज़ल

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  8. शुक्रिया आपका सगम से सरगमी सोचा हमने भी था लेकिन पूरा यकीन न था खुद पर .बहुत बहुत शुक्रिया ,शब्द कोष में इजाफा किया आपने .रेशम से रेशमी सरगम से सरगमी .शर्बत से शरबती .है न

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  9. हटेगी नहीं जब ये कुहरे की चादर
    वहाँ बस्तियों में नमी तो रहेगी ..

    बहुत खूब ... सच है इस कुहासे को अब हटाना होगा ... रौशनी खुल के आ तो सके ..
    लाजवाब शेर ... उम्दा गज़ल ...

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