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मंगलवार, 28 फ़रवरी 2012

कब तक जलो


फर्ज के अलाव में कब तक जलो 
परछाई भी कहने लगी इधर चलो 
चन्दन से लिपट खुद को समझ बैठे चन्दन 
भ्रम जाल में खुद को कब तक छलो|
हम तो पानी पे तैरती लकड़ी हैं जनाब 
सागर भी कहता है अब यूँ ही गलो|
हंस- हंस के गले मिलते हैं जड़े काटने वाले 
फिर चलते हुए कहते हैं फूलों फलो |
ख़त्म हो चुका है कब से तेल बाती का
पर उनका  यही कहना है रात भर बलो|
 फर्ज के अलाव में कब तक जलो 
परछाई भी कहने लगी इधर चलो

गुरुवार, 23 फ़रवरी 2012

जय गणतंत्र




बीत गए बरस तिरसठ 
 हुआ  देश स्वतंत्र 
तन से नंगा हाथ में तिरंगा 
कैसा ये गणतंत्र  
अब तो राम बचावे !!
सुन्न हो गई ठण्ड  से काया 
थर थर काँपे रंक की छाती 
शाल ओढ़ कर शान से बैठे
देखो पत्थर के हाथी 
अब तो राम बचावे !! 
न मांझी न पतवार 
नौका बीच मजधार 
सीमा पे छिड़ गई जंग 
राजा ने पी ली भंग 
अब तो राम बचावे !!
सिंघों में मच गई होड़ 
रहे मेमने दौड़ 
सर पे टोपी तन पे खादी
देश की करें निशदिन बर्बादी
अब तो राम बचावे !!
 ना अंगुली ना लाठी 
बूढ़े की गिर गई काठी 
सियासत में हडकंप 
नाच रहे दल दबंग 
अब तो राम बचावे !!
जय गणतंत्र !!
( हास्य व्यंग्य )

शनिवार, 18 फ़रवरी 2012

मुहब्बत का सबब


अरमान घुट रहे हैं यूँ दर्दे अज़ाब में 
ढूंढे कहाँ सुकूने दिल फरेबी सराब में

वो ले गया नींदे भी मेरी देखो लूट कर 
कैसे यकीं हो अब वो आएगा ख़्वाब में

शाखों से फूल तोड़ कर राहों में फेंक दो 
यूँ छोड़ दी कश्ती मेरी उसने सैलाब में 

रोशन नहीं होती अब सितारों की महफिलें 
वो चाँद भी जा बैठा है देखो हिज़ाब में 

मौसम तो बदलता है मेरा उसके ही आने से 
अब ख़ाक भी शौखी बची रूहे शबाब में 

ना नज्म ना मौसिक़ी ना ग़ज़ल अब कोई 
जब बरखे ही दफ़न हो गए दिल की किताब में 

आगोश तसव्वुर में ही जाओ एक बार 
कुछ फर्क ना होगा तेरे हिज्रे हिसाब में 

कैसे लिखूं अब ख़त कोई पूछता है दिल 
मैं जानती हूँ जो वो लिखेगा जबाब में 

ये होगा मुहब्बत का सबब  इब्तदा से जानती 
क्यूँ राज ढूँढती वफ़ा इस जहाने खराब में .


सोमवार, 13 फ़रवरी 2012

प्रेम दिवस प्रेम दिवस


प्रेम दिवस 
ख़त्म हो दिलो की कड़वाहट 
हर शख्स के चेहरे पे हो मुस्कुराहट 
                        तो प्रेम दिवस हो |
करते रहो प्रयास 
ना रहे कोई उदास 
सागर में हो मिठास 
                   तो प्रेम दिवस हो |
हर प्रीत में मधुरस हो 
हर बंधन भाव सरस हो 
एक प्रेम ही सर्वस्व हो 
               तो प्रेम दिवस हो |
हिय में पवित्रता का वास हो 
प्रतिज्ञा में दृढ विशवास हो
हर दिन यूँ ही ख़ास हो 
तो प्रेम दिवस हो |
सब को प्रेम दिवस मुबारक  

मंगलवार, 7 फ़रवरी 2012

इन्तजार





बिखरे  हुए हैं गेसू इस इन्तजार में 
आये कोई झोंका  हवा का 
और संवार दे !
ढलका हुआ है आँचल 
नर्म  जमीं के बदन पर   
कि चांदनी भी 
तारों की लड़ियाँ निसार दे |
वो बैठे हैं गिराकर 
पलकों की झालरें 
चल के आये जवां ख़्वाब कोई 
और पहलू में जिंदगी गुजार दे |
काली घटाओ |
तिल सा काजल उधार दे दो 
जाए कोई मेरे महबूब की 
नजरें उतार दे ||
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